शेर
जो मनाने पे मुस्कुरा दे वो रूठा नहीं रहता
जो सच कुबूल कर ले वो झूठा नहीं रहता
जिसे अपने जज्बातों को ज़ब्त करना आता हो
वो शख्स बहुत देर तक टूटा नहीं रहता
जो मनाने पे मुस्कुरा दे वो रूठा नहीं रहता
जो सच कुबूल कर ले वो झूठा नहीं रहता
जिसे अपने जज्बातों को ज़ब्त करना आता हो
वो शख्स बहुत देर तक टूटा नहीं रहता