शेर
उनकी गली की खाक में हम खाक हो गए
उनको तरस न आई हम क्या थे क्या हो गए
°°°
छोड़कर जाने वालों ने पलट कर देखा ही नहीं
हम दरिया थे रेत के समंदर से जाकर खो गए
~ सिद्धार्थ
उनकी गली की खाक में हम खाक हो गए
उनको तरस न आई हम क्या थे क्या हो गए
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छोड़कर जाने वालों ने पलट कर देखा ही नहीं
हम दरिया थे रेत के समंदर से जाकर खो गए
~ सिद्धार्थ