Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2020 · 1 min read

जब हम ठुकराए गए

रौशनी से जब हम ठुकराए गये
साथ छोड़कर सब साये गये

मेरी ख़ूबियों का ग़ुरूर टूट गया
जब मेरे ऐब मुझको गिनाए गये

सब क़ुसूर आँखों का था मगर
सब इल्ज़ाम दिल पे लगाए गये

हक़ीक़त में वो फ़क़त सहरां था
ख़्वाबों में सब्ज़ बाग दिखाए गये

3 Likes · 2 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िन्दगी को
ज़िन्दगी को
Dr fauzia Naseem shad
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
खोते जा रहे हैं ।
खोते जा रहे हैं ।
Dr.sima
लोग खुश होते हैं तब
लोग खुश होते हैं तब
gurudeenverma198
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
जन-जन प्रेरक बापू नाम
जन-जन प्रेरक बापू नाम
Pratibha Pandey
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
Ajit Kumar "Karn"
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
sushil sarna
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
टूटे ना नेहिया की तार
टूटे ना नेहिया की तार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
रोम रोम है पुलकित मन
रोम रोम है पुलकित मन
sudhir kumar
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
“कभी कभी ऐसा होता है….
“कभी कभी ऐसा होता है….
Neeraj kumar Soni
"आदत"
Dr. Kishan tandon kranti
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
Ashwini sharma
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
शेखर सिंह
😘मानस-मंथन😘
😘मानस-मंथन😘
*प्रणय*
Loading...