शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए
शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए
मनहरणघनाक्षरी
शेर पर सवार आई ,
मैया जोता वाली आई , यह
जगमग लाल चुन्नी ,
करती कमाल है।
मूरत लुभानी देखो ,
सूरत सलोनी देखो,
मधुर मंद मुस्काती,
मधु रस धार है।
दर तेरे जो भी आते,
मन की मुरादें पाते,
खाली हाथ नहीं जाते,
लुटाती सौगात है।
बहनों को भाई देवे,
माताओं को लाल देवे,
मांग का सिंदूर सजे,
देती वरदान है।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश।