*जिंदगी* (शायरी)
खूबसूरत है जिंदगी खूबसूरत ये डगर ,
मगर बिन साथी के कटता नहीं सफर ।
जन्नत से सुंदर हो जाती है ये दुनिया ,
मिल जाए गर अच्छा कोई हमसफ़र ।।
गम को भी ख़ुशी से झेल लेंगे हम ,
बिखरी हुई जिंदगी समेट लेंगे हम ।
मिल जाए अगर साथ अपनों का ,
रुख जिंदगी का मोड़ देंगे हम ।।
ऐ बेरहम जिंदगी न इतना सितम कर ,
इंसान मैं शरीफ हूँ कुछ तो रहम कर ।
हर बार नहीं मैं गिरकर सम्भल पाऊंगी ,
टूटकर बिखर जाऊं न इतना जुल्म कर ।।