शेरे-पंजाब
राजा जी रणजीत सिंह, है शेरे-पंजाब
भारतीय इतिहास के, चमकते आफ़ताब //1.//
कोहिनूर हीरा रहा, महाराज की शान
हरेक दिल में था इसे, पाने का अरमान //2.//
संधवालिया वंश के, आप रहे सिरमौर
अंग्रेज़ न फटके वहाँ, राज किया जिस दौर //3.//
महासिंह राजकौर के, घर जन्में रणजीत
भागे अफ़गान सब, पश्तून लिया जीत //4.//
संगठित हुई ख़ालसा, ताक़तवर सरदार
पंजाब शक्ति केन्द्र था, दमदार असरदार //5.//
पेशावर-पश्तून पर, जमा लिया अधिकार
राज ग़ैर-मुस्लिम किया, कोई पहली बार //6.//
जीते ना पंजाब बस, बाक़ी हिन्द हमार
जे टी व्हीलर ने लिखा, ब्रिटिश इतिहासकार //7.//
गुजरांवाला हिन्द में, जब जन्में रणजीत
था क़ब्ज़ा अफ़ग़ान का, कहीं सिखों की जीत //8.//
मिसलों में बांटा कई, एकमात्र पंजाब
हार गये अफ़ग़ान जब, राज किये सिंह साब //9.//
चेचक के कारण हुई, एक आँख बेकार
लेकिन छवि थी आपकी, आला-ओ-दमदार //10.//
छुटपन में खोये पिता, थे जब बारह वर्ष
राजपाट का बोझ तब, कंधे लिया सहर्ष //11.//
दिन बारह अप्रैल का, अट्ठारह सौ एक
‘महाराज’ कहलाय सिंह, हर्षित हुए अनेक //12.//
गुरु वंशज ने हाथ से, पहनाया था ताज
धार्मिक रिवाज़ से हुए, सम्पन्न सभी काज //13.//
क़ानून व्यवस्था श्रेष्ठतम, ना दिया मृत्युदण्ड
धर्मनिरपेक्ष राज्य में, था उचित धर्मदण्ड //14.//
राज किया था आपने, मात्र अड़तीस साल
अब भी सारे विश्व में, देते लोग मिसाल //15.//