एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
यदि कोई लड़की आपसे बात करते करते बीच में ही bye बोलकर भी ऑनल
"डर का माहौल नहीं, घर का माहौल दीजिए ll
न बन बादल कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)