सफर में जब चलो तो थोड़ा, कम सामान को रखना( मुक्तक )
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आग पानी में भी लग सकती है
*** सफलता की चाह में......! ***
नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
The Journey of this heartbeat.
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,