गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
रात ॲंधेरी सावन बरसे नहीं परत है चैन।
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Virtual vs. Real: The Impact on Brain Development of Children in Modern World
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
इधर एक बीवी कहने से वोट देने को राज़ी नहीं। उधर दो कौड़ी के लो
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,