विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जिन्दगी जीना बहुत ही आसान है...
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ये तुझे पा लेने की चाहत ही है।
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।