मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
कल है हमारा
singh kunwar sarvendra vikram
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है
नींबू वाली चाय पेट घटाए।अदरक वाली चाय खराश मिटाए।
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*