Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2023 · 1 min read

शृंगार

चूम लूँ इन अंधेरों के एहसास को,
कतरा-कतरा पिघलते ये ज़ज़्बात को

लेके अग्नि को बाहों में मोम सो गया,
ऊर्मियों में सिमटती सी ये रात है….
चूम लूँ इन अंधेरों के एहसास को …..

प्रेम अमरत्व की ओर बढ़ता हुआ,
हृदय अठखेलियों से गुजरता हुआ,
मन कि योवन कथाओं को गढ़ता हुआ,
जुगनुओं के मिलन की भी ये रात है…
चूम लूँ इन अँधेरों के एहसास को …

हल्की लौ का वो दीपक गतिमान है,
एक धड़कन को जीती सी दो जान हैं,
गर्म साँसें इशारों की पहचान है,
अनकहे ही सुलझते सवालात हैं…
चूम लूँ इन अँधेरों के एहसास को…

एक-दूजे में हम एक होते हुए,
लब समर्पण भरे बीज बोते हुए,
उनको पाते हुए, स्वयं को खोते है हुए,
आगे बढ़ती समय की मुलाक़ात है…
चूम लूँ इन अँधेरों के एहसास को…

~कमल दीपेन्द्र सिंह, अमरोहा
अनवरत विद्यार्थी

2 Likes · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
Vedkanti bhaskar
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
चलो चुरा लें आज फिर,
चलो चुरा लें आज फिर,
sushil sarna
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
Phool gufran
Prima Facie
Prima Facie
AJAY AMITABH SUMAN
नज़्म - चांद हथेली में
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
"पत्नी के काम "
Yogendra Chaturwedi
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
अधिकांश लोगों को अपने से
अधिकांश लोगों को अपने से "बेहतर" नहीं, "कमतर" पसंद आते हैं।
*प्रणय प्रभात*
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
4511.*पूर्णिका*
4511.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
Ajit Kumar "Karn"
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
VINOD CHAUHAN
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
यादों की याद रखना
यादों की याद रखना
Dr. Rajeev Jain
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr .Shweta sood 'Madhu'
#विनम्रता
#विनम्रता
Radheshyam Khatik
"आत्ममुग्धता"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी देख
ज़िंदगी देख
Dr fauzia Naseem shad
Loading...