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24 Mar 2022 · 1 min read

शून्य

धधक रही हो आग अगर
बचना हो नामुमकिन जिससे
डाल रहे अब भी बहुत
तेल और घी उसमें

क्या करोगे तुम फिर
बुझाना तो है गुनाह उसको
बुझाने की बात भी की तो
गिने जाओगे विरोधियों में

एक ही चारा है पास तुम्हारे
देखकर परिस्थितियों को
जड़ होना ही श्रेयस्कर है
अब तुम शून्य हो जाओ।।

Language: Hindi
4 Likes · 279 Views
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