Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

शून्य का उद्भव

सूर्य से विलग हो
स्थापित हो गए अनगिनत पिण्ड
इस संरचना को नाम मिला ब्रह्मांड
हर पिण्ड का
अपना- अपना गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र
बीच- बीच में रह गया कुछ स्थान भिन्न
ना वो इसका था ना उसका
यहीं पर अटक कर
चक्कर खाता रह गया
त्रिशंकु घिन्न- घिन्न
एक बड़े गह्वर के मुहाने जैसा
कोई गणना कर नहीं पाया
कितना बड़ा है
और इसका स्वभाव है कैसा
यहीं से शायद विचार उपजा होगा
क्या नाम दें, कैसे पुकारें इसे
सोच- सोच कर पिंगल ऋषि थम गए
मस्तिष्क हो गया सुन्न ऐसा
अरे, इस स्थान के लिए
रहेगा नाम शून्य कैसा!
एक घेरा,
जिसके भीतर बसा कुछ नहीं.
पिंगल ऋषि को भा गया
स्वरूप ऐसा.
रखा बाएँ पहलू में एक के
शुरू करना गिनती
समझ लो यहीं से देख के.
दायाँ अंग होते ही
एक को दस कर दे
और दस को सौ.
शून्य के संसर्ग से
गिनती बन गयी अपरिमित.
आर्यभट्ट जी को आ गया
दशमलव का विचार.
कर दिया अकों का विस्तार.
हो गया अमिट अविष्कार.
शून्य था तो सदा से यहीं.
पर हमारे पुरखों के अलावा
इस बारे में सोचा किसी ने नहीं.
हमें गर्व है पुरखों पर
हम उनका नाम हम बढ़ाएंगे
देश के नाम को चार चाँद लगाएंगे
इसकी महिमा के मूल्य में
दांये बाजू
शून्य पर शून्य लगाते जाएंगे
इसका मान बढ़ाते जायेंगे..

Language: Hindi
1 Like · 94 Views

You may also like these posts

ढूंढे तुझे मेरा मन
ढूंढे तुझे मेरा मन
Dr.sima
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
Neelofar Khan
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
समाधान
समाधान
Sudhir srivastava
30 वाॅ राज्य
30 वाॅ राज्य
उमा झा
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दरारों में   ....
दरारों में ....
sushil sarna
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
" नारी "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
वो मधुर स्मृति
वो मधुर स्मृति
Seema gupta,Alwar
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
बदला मौसम मान
बदला मौसम मान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खंडर इमारत
खंडर इमारत
Sakhi
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
...
...
*प्रणय*
मैंने क़ीमत
मैंने क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
जीवन
जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का
हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का
अंसार एटवी
कोई हादसा भी ज़रूरी है ज़िंदगी में,
कोई हादसा भी ज़रूरी है ज़िंदगी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙏
🙏
Neelam Sharma
प्रीत के गीत..
प्रीत के गीत..
Vivek Pandey
शिव
शिव
Dr. Vaishali Verma
घर और जीवन
घर और जीवन
Saraswati Bajpai
- रिश्तों की सफलता का पैमाना -
- रिश्तों की सफलता का पैमाना -
bharat gehlot
2988.*पूर्णिका*
2988.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्याही की इक बूँद
स्याही की इक बूँद
Atul "Krishn"
''सुनों''
''सुनों''
Ladduu1023 ladduuuuu
Loading...