शुभ होली
शुभ होली
आ जाओ मिलने अब मेरे साँवरिया
है सूनी सूनी दिल की बहुत डगरिया
रंगों की मौसम लेकर आया फागुन
लाया है डलिया फूलों की वो चुन चुन
आन भरो प्यासे मन की रीती गागर
रँग दो अपने ही रँग में प्रेम चुनरिया
आ जाओ मिलने अब मेरे साँवरिया
तुम्हें देखकर मिट जाता है गम सारा
मुझको लगता है प्यारा साथ तुम्हारा
झोली में भर दो मिलने की कुछ घड़ियाँ
बस इंतज़ार में बीते न ये उमरिया
आ जाओ मिलने अब मेरे साँवरिया
बिना तुम्हारे रँग फीके हैं जीवन के
मैं किसे सुनाऊँ दर्द प्रिये इस मन के
तुम दरस दिखा दो रँग दो मेरी दुनिया
मैं ढूंढत ढूंढत होय रही बावरिया
आ जाओ मिलने अब मेरे साँवरिया