बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
Learn to recognize a false alarm
बना कावड पिताजी मैं तुम्हें
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
वफ़ा की तहरीरें - चंद अशआर
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
(कहानीकार) "मुंशी प्रेमचंद"
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '