दिल में तेरी तस्वीर को सजा रखा है -
वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
মন তুমি শুধু শিব বলো (শিবের গান)
जीवन यात्रा ध्येय लक्ष्य पड़ाव
शायद मेरी सदा उसके दिल में उतर
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
विवश लड़की
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )