शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
नाम और नामा ! इन्हें पाने के लिये मृग की तरह आदमी भाग रहा है । परन्तु क्या यही लक्ष्य है ? स्मरण रहे कि
जीव के साथी कर्म होते हैं ।
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्ण !
***
शुभ प्रभात मित्रो !
नाम और नामा ! इन्हें पाने के लिये मृग की तरह आदमी भाग रहा है । परन्तु क्या यही लक्ष्य है ? स्मरण रहे कि
जीव के साथी कर्म होते हैं ।
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्ण !
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