शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
धन से दवा खरीदी जा सकती है , स्वास्थ्य नहीं । साधन खरीदे जा सकते हैं सुख नहीं । मूर्ती खरीदी जा सकती है भक्ति नहीं । प्रभु की लीला भी अपरम्पार है । हैं न ?
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्श !
***
शुभ प्रभात मित्रो !
धन से दवा खरीदी जा सकती है , स्वास्थ्य नहीं । साधन खरीदे जा सकते हैं सुख नहीं । मूर्ती खरीदी जा सकती है भक्ति नहीं । प्रभु की लीला भी अपरम्पार है । हैं न ?
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्श !
***