शुभ दीवाली(गीत)
शुभ दीवाली(गीत)
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धन्य-धन्य शुभ दीवाली जो खुशबू फैलाती है
(1)
सौ-सौ दीपक एक थाल में जगमग जगमग
करते
सरसों वाले तेल सुगंधी सोंधी – सोंधी भरते
घर के हर कोने में खुशबू मधुरिम भर जाती
है
(2)
घर के बाहर एक दिया सब बच्चे रख कर
आते
उजियारा अनजान पथिक गलियों में उससे
पाते
वसुधा एक कुटुंब भावना हर मन में आती
है
(3)
खील- बताशों से लक्ष्मी का पूजन होता
पाया
धनी और निर्धन का इससे भेद न किंचित
आया
सस्ते में त्यौहार बैठता है, मस्ती छाती है
धन्य-धन्य शुभ दीवाली जो खुशबू फैलाती है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451