शुभ गीता छंद 27 मात्राएँ
शुभ गीता छंद 27 मात्राएँ
15/12 पर यति
12 12 221 2 2
21 222 12
राम सेतु निर्माण
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मना खुशी कपिदल लगे हैं,
राम की जय जय करें।
नचें लिये उत्साह पुल का
नील नल कांधे धरें।
कहें हमें बस पांच दिन की,
है जरूरत काम की।
मिलें बड़े पाषाण काफी।
शेष लीला राम की।
उठे जुटे दौड़े सभी कपि,
खोज पत्थर ला रहे ।
तिरें जलधि में राम लिखकर ,
नाम महिमा गा रहे।
हुआ बड़ा सुन्दर सजीला,
सिंधु पुल तैयार है ।
करें नमन कैलाश पति को,
राम सोचा सार है।
यहीं जलधि तट पर करेंगे।
शंभु की शुभ स्थापना ।
मिले कहाँ पंडित जगत में,
होय जिसकी नापना ।
चला पता संसार में है।
श्रेष्ठ रावण पंडिता।
बिथा मिटा पूजा करावे,
ज्ञान से है मंडिता।
बना लिया मन लंकपति को,
मान दें आचार्य पद ।
चले दशानन को बुलाने
रीछ नायक होत गद ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश