शुभोदर छंद(नवाक्षरवृति वार्णिक छंद)
शुभोदर छंद(नवाक्षरवृति वार्णिक छंद)
भगण भगण भगण
211 211 211
पुष्प खिले मन अंचल।
नीलम लोचन चंचल।।
श्याम पिया मनभावन।
श्यामल रूप सुहावन।।
मान पिया मनमोहन।
जान जिया मम जीवन।।
पार करो भवसागर।
गोकुल के नटनागर।।
रैन बहें दृग आकुल।
श्वास रहे उर व्याकुल।।
आन मिलो मुरलीधर।
प्राण बनो उर भीतर।।
नीलम शर्मा ✍️