शुक्रवार 04.11.2022
शुक्रवार 04.11.2022
विषय–तुलसी/वृन्दा
विधा—मुक्तक
मात्रा—१६, १६
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तुलसी पौधा औषधि न्यारी,
घर ऑंगन की शोभा प्यारी,
पत्ता- पत्ता गुणीं भरपूर,
रोग -पीड़ा दूर हो सारी।
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तुलसी पूजन जो जन करते,
संकट जाते पल में घटते,
बुरी नजर से सदा बचाती,
दरिद्र दुर्दिन सब ही हटते।
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तुलसी के चमत्कार जानों,
वरदान धरा पर यह मानों,
कहलाती जो मात हमारी,
रक्षण पोषण से तुम पालो।
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कार्तिक मास की बड़ी महिमा, त्योहारों की रहती गरिमा,
लक्ष्मी नारायण पूजन से,
पाते मानुष सुख बिन सीमा।
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तुलसी बंधन शान निराली,
शालीग्राम मय सूत्र पाली,
धूप दीप से मन्त्रोच्चारण,
मान बढ़े नित डाली डाली।
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शीला सिंह
बिलासपुर हिमाचल प्रदेश🙏