शुकून भरा पल
कमाल नहीं, इस आती जाती लहरों का,
कमाल नहीं, इस खिलीं चांदनी रातों का,
कमाल नहीं, इस बहती नमकीन हवाओं का,
कमाल है, तेरे साथ होने से इस शुकून का,
✍️✍️✍️
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
कमाल नहीं, इस आती जाती लहरों का,
कमाल नहीं, इस खिलीं चांदनी रातों का,
कमाल नहीं, इस बहती नमकीन हवाओं का,
कमाल है, तेरे साथ होने से इस शुकून का,
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©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़