शीर्षक: सच तो यही है
तेरी उल्फत ने हमको दीवाना किया है
मुझ सा दीवाना तेरा कोई नहीं है
तू माने तो ठीक है ना माने तो गम नहीं
करता रहूंगा मुहब्बत तुझसे सच तो यही है
ना दूर जाऊंगा कभी ना सताऊंगा तुझे
कह दे बस एक बार तू प्यार करती है मुझे
चांद तारे भी तोड़ कर तेरे हाथों में रख देंगे
तू माने या ना माने पर सच तो यही है
सुख सारे जिंदगी के मैं तुझपे लूटा दूंगा
तू हां कह दे एक बार तुझे हाथों पर उठा लूंगा
अब तन्हा होकर तुझसे जिया नहीं जाता है
तू भी करती है मुहब्बत मुझसे सच तो यही है
✍?पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
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