शीर्षक – शिव पार्वती
शीर्षक – शिव-पार्वती
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शिव पार्वती सृष्टि के कर्ता हैं।
संसार के मोक्ष प्रदान करते हैं।
ॐ कार शब्द के अर्थ कहते हैं।
जीवन और मृत्यु के संग रहते हैं।
मंत्र तंत्र के साथ श्मशान वासी हैं।
मोह माया संसारिक खेल करते हैं।
हम मानव जीवन क्षणभंगुर रहते हैं।
बस अहंम वहम में हम सब रहते हैं।
सोच हमारी तेरा मेरा सदा रहतीं हैं।
हम नारायण की सोच से नर बने है।
कठपुतलियां हम सांसों के साथ बनें हैं।
आकर्षकण देह का हम घमंड रखते हैं।
शिव पार्वती सच श्मशान का कहते हैं।
मानव तन जप तप और दान रहते हैं।
महिमा शिव-पार्वती मां की रहतीं हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र