शीर्षक – “शब्द”(25)
शब्द ही प्रेमरूपी फूलों की सौगात,
शब्द ही प्रेरणादायी आशाओं का देते साथ,
शब्दमोती एक साथ जब एक माला में पिरोएं,
रिश्ते बने रहने के लिए संदेश,उपदेश या संवाद का साधन उपलब्ध कराएं,
मुख से बोले गए शब्द
दर्शाए, आपके व्यक्तित्व
के आईने को नि:शब्द दोहराए,
किसी दिव्यांग या पीड़ित
के अंतर्मन में बसे शब्द रूपी
भावों को बिन कहे ही पढ़ जाए,
उन्हीं विचारों को अपने शब्द रूपी माला में पिरोकर बेझिझक अभिव्यक्त कर पाए,
वही शक्स जीवन में सच्चे शब्दों का साथी कहलाए।।
आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल