शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
बचपन में सीख गया था
जो सत्य की राह पर चलना
साया नहीं पिता का सर पर
सीख गया वह कठिनाइयों से लड़ना।
सादा जीवन उच्च विचार
पहली प्राथमिकता सबका हो कल्याण
कितना बड़ा ओहदा मिल जाए
अभिमान ना उसमें तनिक भी मिल पाए।
छोटी-छोटी खुशियों से
उसने जीवन अपना सवांरा था
माॅं की खातिर उसने
विवाह को भी स्वीकारा था।
राह जेल की अपनाई
लेकिन उसमें तनिक न करी ढिलाई
खादी के धोती कुर्ता टोपी पहनकर
विदेशों तक में सब की शान बढ़ाई।
केवल बड़ों को ही नहीं
छोटो को भी शालीनता सिखलाई
देश के लिए समर्पित कर जीवन अपना
शास्त्री जी की अमर कहानी
आज फिर सबने दोहराई।
हरमिंदर कौर
अमरोहा (उत्तर प्रदेश)