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14 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक: मेरे पापा हर वक्त जहन में

शीर्षक: मेरे पापा हर वक्त जहन में

हर वक्त आप मेरी यादो में बसे हैं
यादो के निशान गहरे तक उकेरित है
नही भूल पाती हूँ मैं किसी भी वक्त
यादो में समेटे आपकी यादो को
मेरे पापा हर वक्त जहन में..

मेरी लेखनी की धारा प्रवाह में आप ही हैं
लेखनी नही रुकती आपके नाम पर
चल देती हैं अपना दुःख बया करने
स्याही रूपी आँसुओ से भिगोती सी शब्दो को
मेरे पापा हर वक्त जहन में..

आपके प्यार की निशानी आप छोड़ गए हो
यादो के गहरे निशान के रूप में मेरे पास
सहेज कर रखती हूँ मैं उनको यादो के पिटारे में
खो जाती हूँ यादो के पिटारे की गहराई में
मेरे पापा हर वक्त जहन में..

यूँ तो दूर इतनी हो कि कभी दिखोगे भी नही
पर पापा आप मुझसे दूर ही ही नही सकते
मैं जान से प्यारी बिटिया जो हूँ आपकी
यादो में हर वक्त हो आप मेरे साथ
मेरे पापा हर वक्त जहन में..
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

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