शीर्षक: प्रीत का घूँट
➿➿ प्रीत का घूँट ➿➿
प्रीत का घूँट पिला रहा हैं कोई…
धीरे धीरे ही सही पर अपना बना रहा हैं कोई
जाने क्यों धीरे धीरे से जिगर में बस रहा हैं कोई
प्यार के सुमधुर सपनो में ले जा रहा हैं कोई
धीरे धीरे ही सही रूह में बस रहा हैं कोई
प्रीत का घूँट पिला रहा है कोई…
नजराना अपनी मोहब्बत का दे गया कोई
ख़ुद ब खुद दिल में मेरे बेशकीमती हो गया कोई
मेरे लिए नाचीज़ तोहफ़ा बन गया कोई
दिल की किताब पर अपना नाम कर गया कोई
प्रीत का घूँट पिला रहा है कोई…
बेशर्त ही अमूलय सा रिश्ता बना गया कोई
धीरे धीरे ही सही करीब आ गया कोई
नव जीवन आगाज़ रूखे जीवन करा गया कोई
अँधेरे से जीवन मे प्रीत की रीत जगा गया कोई
प्रीत का घूँट पिला रहा है कोई…
रग रग में बस गया ये अहसास करा गया कोई
होले होले ही मुझमे समा गया कोई
करीब ही हैं वो मेरे अहसास करा गया कोई
अनजाने ही सही मेरी जिंदगी सँवार गया कोई
प्रीत का घूँट पिला रहा है कोई…
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद