शीर्षक – नागपंचमी……. एक प्रथा
शीर्षक – नागपंचमी
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जय नाग देवता करते हैं।
भोले के गले में हार बने हैं।
जय शिव शंकर भोले बाबा है।
जय नाग देवता पंचमी हम पूजते हैं।
आशीर्वाद सभी भक्तों को मिलता हैं।
आओ हम सभी नागपंचमी मनाते हैं।
दूध और धूप फूल से पूजा करते हैं।
जय शिव शम्भू जय नागदेवता कहते हैं।
शिव शम्भू के गले हार नाग देवता बने हैं।
जन साधारण को संसार मोह माया कहते हैं।
नागपंचमी पर्व पर हम पताल लोक सेवा करते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र