शीर्षक: “ओ माँ”
ओ माँ, मेरी माँ, प्यारी माँ,
तुम मेरे लिए सब कुछ हो,
मेरा वजूद,
मेरा अक्श,
मेरी दुनिया,
मेरा संसार हो।
मेरी पहली शिक्षक,
मेरी कहानी के रचयिता
मेरी ज़िन्दगी के रचनाकार हो।।
मैं अधूरा तुम बिन,
तुम परिचय मेरा,
तुम आधार हो।
मैं पग पग परीक्षा तेरे लिए,
तुम रास्ता मेरा,
पथ-प्रदर्शक,
मांझी मेरे पतवार हो।
मैं आधा अधूरा,
नासमझ, नालायक,
तुम अर्चन मेरा
स्वास्तिक ॐकार हो।।
ओ माँ, मेरी माँ, प्यारी माँ….
© सुनील सैनी “सीना”
राम नगर, रोहतक रोड, जीन्द (हरियाणा) भारत।