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1 Dec 2022 · 1 min read

शीर्षक :- आजकल के लोग

शीर्षक :- आजकल के लोग

आजकल के लोग
बड़े आलसी हो गए !
सौ रोग लगे हैं तन में ,
रंग हरा से लाल सी हो गए !!

हर्ष नाम की चीज़ इसमे
उबाल सी हो गए ,
आजकल के लोग
बड़े आलसी हो गए !

हाथों का काम ये
करते हैं मशीन से ,
जो हो जाता था एक से,
वे अब करते हैं तीन से
मानव में ऊर्जा की
अकाल सी हो गए !!
आजकल के लोग
बड़े आलसी हो गए !

मिलने को कौन जाता हैं ,
अब दुखियों से !
हाल – चाल पूछ लिया
जाता हैं फेसबुकयों से !!
कैसे सुलझाऊ रिश्तों को
ये तो एक जाल सी हो गए !
आजकल के लोग
बड़े आलसी हो गए !!

लेखक :- नीतीश निराला

1 Like · 343 Views

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