शीर्षक:वो था ही नही
गलती उसकी भी नही
मैं ही कुछ
ऐसी किस्मत ले पैदा हुई
कोई रुका नही
मैं किसी की हुई ही नही
चाहा था उसको बहुत
सिद्दत से मैने
पर वो मेरा हुआ ही नही
होना भी नही था
उसको मेरा क्योंकि वो
किसी और का
जो था पहले से ही
कुछ कर्ज उसका है मेरे ऊपर
उसको उतारना बाकी है
उसको वापिस दूँगी नही तो
सुकून आएगा नही
क्योकि वो मेरा था ही नही
मंजु ने कुछ किस्मत पाई ऐसी
कि उसका अपना कोई
हुआ ही नही…!
और है भी नही..!!