Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक:वक्त नहीं मिलता

शीर्षक:वक्त नहीं मिलता

अब छोटो को संस्कार देने का
ये कैसी विडंबना रख दी वक्त ने आज
या जीविकापार्जन में ही भूल गए हम
क्यो समाप्ति की कगार पर आज हमारे संस्कार
क्योंकि वक्त नहीं मिलता कभी…
समाप्त होने लगी अब नैतिकता धीरे धीरे
इंसान की इंसानियत हो रही लुप्त धीरे धीरे
आज पैसे की मार ने खडा किया बस धीरे धीरे
पता ही नही चला बजट बह चला धीरे धीरे
क्योंकि वक्त नहीं मिलता कभी…
एक दूसरे में कमियां बस टटोलने लगे हम
देखो कहाँ से कहाँ आज आकर खड़े हो गए
मिलकर करना होगा यत्न हमे अलग क्यो हो गए
कपटता छोड़ पीछे देखना होगा फर मत कहना
कि वक्त नहीं मिलता कभी…
वक्त हमेशा ही रहा हमारे बुगुर्गो पर भी
वो बनाकर चले संयम जीवन मे
खोई नही उन्होंने संस्कृति सभ्यता अपनी
पर हमने तहरीर दी पैसो को सारी अपनी
औऱ कहा वक्त ही नही मिला
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
94 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
Manisha Manjari
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
Sudhir srivastava
sp111 जो कहते हैं
sp111 जो कहते हैं
Manoj Shrivastava
"दीदार"
Dr. Kishan tandon kranti
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
गज़ल
गज़ल
Santosh kumar Miri
उदास हूं मैं आज।
उदास हूं मैं आज।
Sonit Parjapati
धारण कर सत् कोयल के गुण
धारण कर सत् कोयल के गुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
" गाड़ी चल पड़ी उसी रफ्तार से "
DrLakshman Jha Parimal
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
फिर जल गया दीया कोई
फिर जल गया दीया कोई
सोनू हंस
खींचातानी  कर   रहे, सारे  नेता लोग
खींचातानी कर रहे, सारे नेता लोग
Dr Archana Gupta
गजल
गजल
Sushma Singh
पास फिर भी
पास फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
चारपाईयों के पाये...
चारपाईयों के पाये...
Vivek Pandey
*छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)*
*छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तूं राम को जान।
तूं राम को जान।
Acharya Rama Nand Mandal
राखी है अनमोल बहना का 🌿✍️🌿
राखी है अनमोल बहना का 🌿✍️🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मं
मं
*प्रणय*
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
यार हम कैसे करें
यार हम कैसे करें
Ashwani Kumar
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
ज़िंदगी कुछ आसान बना लूंगा इस अंदाज़ से,
ज़िंदगी कुछ आसान बना लूंगा इस अंदाज़ से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
Khajan Singh Nain
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
इक मेरे रहने से क्या होता है
इक मेरे रहने से क्या होता है
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Loading...