शीर्षक:पास ही महसूस
आज भी पास ही महसूस होती हो
बेशक नही दिखती हो घर में अब
नही लगाती हो मिलने पर गले से
नहीं रोती हो देख मुझें आंसुओ से
मन मे मेरे आज भी उठते हैं जज्बात
आज भी पास ही महसूस होती हो
आज भी इंतजार सा रहता है न जाने क्यों
तेरे बिन अब कहाँ कहता हैं मुझे कि
कुछ देर आराम भी कर लिया कर
आज भी यादो की चाहत जिंदा हैं
आज भी पास ही महसूस होती हो
यादों में ही खुशी तलाशती हूँ अब मैं
वो बेपनाह प्रेम रूह को सुकून देता है
ढलते शशि की तरह डूब जाती हूँ यादो में
फिर से यादो को साथ ले सोती हूँ सपनो में
आज भी पास ही महसूस होती हो
मतलबी दुनियां में माँ तुझसा कोई नही
तुझ बिन अब अकेली सी ही रही
बस इंतजार कि शायद सपने में ही सही
आप साथ हैं मेरे अपने असीम स्नेह लिए
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद