शीर्षक:अष्टम नवरात्र
आठवां नवरात्र
🙏🏻माँ दुर्गा का आठवां रूप ‘महागौरी’🙏🏻
नवरात्र के आठवें दिन दुर्गाजी के आठवें स्वरूप माँ महागौरी की पूजा और अर्चना का विधान है। इस रूप में माँ का वर्ण पूर्ण रूप से गौर अर्थात् सफेद है। इनके वस्त्र भी सफेद रंग के हैं और सभी आभूषण भी श्वेत हैं। इनका वाहन वृषभ अर्थात् बैल है वो भी सफेद रंग का है।माँ इस रूप मे इनके चार हाथ हैं। इनका ऊपर वाला दाहिना हाथ अभयमुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू है और नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है।
इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि ३ अक्टूबर २०२२ दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन माँ महागौरी की पूजा करने का प्रावधान है। अष्टमी और नवमी तिथि पर लोग अपने घरों और मंदिरों में हवन एवं कन्या पूजन करते हैं। नवरात्रि में अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी भी कहा जाता है। अष्टमी तिथि पर माँ आदिशक्ति जगदंबा की पूजा आराधना करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। ये भी वर्णन मिलता है कि भगवान् शिव को पतिरूप में पाने के लिये इन्होंने हजारों सालों तक कठिन तपस्या की थी जिस कारण इनका रंग काला पड़ गया था लेकिन बाद में भगवान् महादेव ने गंगा के जल से इनका वर्ण फिर से गौर कर दिया मां गौरी की अर्चना, पूजा और स्तवन निम्न मंत्र से किया जाता है।
‘श्वेते वृषे समारूढा, श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यात्, महादेवप्रमोददाद’।।
इस रूप की पूजा अर्चना से हम सबका कल्याण हो सभी सुखी हो,निरोगी हो।माँ सब पर अपना आशीष बनाये रखे ये ही माँ के चरणों मे मेरी अर्जी व प्रार्थना हैं माँ अपनी पुत्री की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए सभी का कल्याण करें ऐसी कामना के साथ माँ की लाडली
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद