शीत
कर दिया आरम्भ शीत ने अपने तेवर दिखाने,
मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता की शक्ति को आजमाने।
मैं ओढ़ लूँगा मित्रों की सद्भावना के कम्बल,
अगर दुर्दान्त ठंड लगी अधिक मुझको सताने।
तुम अपने पहलू में अच्छे से छुपा लेना,
छोड़ कर शर्म मारक शीत से बचा लेना।
तेरे प्रेम में है कितनी जबरदस्त ऊष्मा प्रिये,
यह मौसम के तेवर को बता देना।
जयन्ती प्रसाद शर्मा