Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2024 · 1 min read

शीत मगसर की…

जुल्म कितने ढा रही है,
शीत मगसर की।

घट रहा है मान दिन का,
घरजमाई सा।
रात बढ़ती जा रही है,
हो रही सुरसा।
बिम्ब कितने गढ़ रही है,
शीत मगसर की।

लिपट कुहरे में खड़ी है,
धूप अलसाई।
वात का लेकर तमंचा,
रात घर आई।
भाव कितने खा रही है,
शीत मगसर की।

चाँद भी सुस्ता रहा है,
ओढ़कर चादर।
झाँकता है बस कभी ही,
चोर सा छुपकर।
चीरती तन जा रही है,
शीत मगसर की।

ठिठुरती है ओस भी अब,
पड़ रहा पाला।
दूर सहमी सी खड़ी ज्यों,
रूपसी बाला।
ख्वाब कितने बुन रही है,
शीत मगसर की।

जुल्म कितने ढा रही है,
शीत मगसर की।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“अरुणोदय” से

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 21 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

जब भी बिछी बिसात
जब भी बिछी बिसात
RAMESH SHARMA
👌2029 के लिए👌
👌2029 के लिए👌
*प्रणय*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
गांव का दर्द
गांव का दर्द
अनिल "आदर्श"
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
Paras Nath Jha
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
Phool gufran
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नींद आती है सोने दो
नींद आती है सोने दो
Kavita Chouhan
माँ अपने बेटे से कहती है :-
माँ अपने बेटे से कहती है :-
Neeraj Mishra " नीर "
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
जय श्री राम
जय श्री राम
goutam shaw
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
Lokesh Sharma
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
Rj Anand Prajapati
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
पूर्वार्थ
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*मोबाइल सी ये जिंदगी*
*मोबाइल सी ये जिंदगी*
shyamacharan kurmi
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने
ज़िन्दगी तुझ पर लिखे हैं गीत हमने
Dr Archana Gupta
हम
हम
Dr. Kishan tandon kranti
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
World Book Day
World Book Day
Tushar Jagawat
2659.*पूर्णिका*
2659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
பூக்களின்
பூக்களின்
Otteri Selvakumar
गुरु महिमा
गुरु महिमा
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...