शीत ऋतु
आया मौसम शीत का ,गर्मी दूर भगाय।
जाड़े से बचना सभी, जब मौसम अति भाय।
जब मौसम अति भाय,कटे रातें सब प्यारी।
पहनें हों परिधान ,धूप की महिमा न्यारी।
कहें प्रेम कविराय, गरम व्यंजन सब भाया।
शोभित सब्जी साग , भोज का मौसम आया।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम