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विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
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25 Jan 2024 · 1 min read
शीतलहर
शीतलहर बढ़ने लगी,
जीना हुआ दुश्वार।
दिनकर भी दिखते नहीं,
हुए सभी लाचार।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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