शीतलहर की हुई विदाई
दिनकर ने ली अंगड़ाई
शीतलहर की हुई विदाई।
खुल गई हैं फिर से शाला
पैक हो गए स्वेटर और दुशाला।
धुंध-कोहरा अब न कंपकपाएं
रफ्तार फिर से बढती जाए।
गली-कूचे गूंजे बच्चों की किलकारी
मस्ती की शुरू हो गई तैयारी।
मूमफली, रेवड़ी और गज्जक का स्वाद
जमकर उड़ा रहे छोटे मियां उस्ताद।
आओ हम भी जरा लुत्फ उठाएं
बच्चों संग बच्चे बन जाएं।