“ शिष्टता के धेने रहू ”
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल ”
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एतबा दिन नहि सुधरल ,
आदत हमर खराब अछि !
आब की बूढ़ारि मे सुधरब ,
किछु नहि एकर जवाब अछि !!
लिखबा क अछि रोग हमर ,
सब केँ किछु न किछु लिखैत छी !
मित्र बनेबा क दोसरे क्षण ,
अपन लेखनी सँ अभिनंदन करैत छी !!
श्रेष्ठ केँ पाबि धन्य होइत छी ,
हुनकर आशीष क अछि अभिलाषा !!
गुरुजन केँ दर्शन हम करि केँ ,
पूर्ण भेल सब हमरो आशा !!
श्रेष्ठ ,गुरुजन केँ गप्प कोनो नहि ,
हम त स्तब्ध छी अपना मे !
समतुल्य ,कनिष्ठ सँ प्रेमक भाषा
नहि भेटल कोनो सपना मे !!
अधिकाश लोक जवाब नहि देताह ,
अपने धुन मे मातल छथि !
के छथि गुरुजन, के श्रेष्ठ छथि ?
सब केँ मित्र वो मानैत छथि !!
शिष्टाचार कहैत अछि हमरा ,
सब केँ आहाँ सम्मान दियो !
प्रणाम श्रेष्ठ केँ शालीनता सँ ,
सब केँ अपन आहाँ मान दियो !!
जों कियो हमरा बधाई देताह ,
हम हुनकर आभारी रहब !
यथायोग्य अभिनंदन ,प्रणाम ,
स्नेह करबाक अधिकारी रहब !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
21.06.2022.