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21 Jun 2022 · 1 min read

“ शिष्टता के धेने रहू ”

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल ”
==================
एतबा दिन नहि सुधरल ,
आदत हमर खराब अछि !
आब की बूढ़ारि मे सुधरब ,
किछु नहि एकर जवाब अछि !!

लिखबा क अछि रोग हमर ,
सब केँ किछु न किछु लिखैत छी !
मित्र बनेबा क दोसरे क्षण ,
अपन लेखनी सँ अभिनंदन करैत छी !!

श्रेष्ठ केँ पाबि धन्य होइत छी ,
हुनकर आशीष क अछि अभिलाषा !!
गुरुजन केँ दर्शन हम करि केँ ,
पूर्ण भेल सब हमरो आशा !!

श्रेष्ठ ,गुरुजन केँ गप्प कोनो नहि ,
हम त स्तब्ध छी अपना मे !
समतुल्य ,कनिष्ठ सँ प्रेमक भाषा
नहि भेटल कोनो सपना मे !!

अधिकाश लोक जवाब नहि देताह ,
अपने धुन मे मातल छथि !
के छथि गुरुजन, के श्रेष्ठ छथि ?
सब केँ मित्र वो मानैत छथि !!

शिष्टाचार कहैत अछि हमरा ,
सब केँ आहाँ सम्मान दियो !
प्रणाम श्रेष्ठ केँ शालीनता सँ ,
सब केँ अपन आहाँ मान दियो !!

जों कियो हमरा बधाई देताह ,
हम हुनकर आभारी रहब !
यथायोग्य अभिनंदन ,प्रणाम ,
स्नेह करबाक अधिकारी रहब !!
======================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
21.06.2022.

Language: Maithili
259 Views

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