शिव
आज हमें शिव की शक्ति को समझना होगा। वास्तविक में शिव क्या है।और मनुष्य को यह नही मालूम है कि तुम्हारे अंदर भी शिव का वास है। लेकिन तुम्हारे पास पहचान ने के लिए दिव्य दृष्टि नही है।अगर किसी मनुष्य को शिव के दर्शन करना हो तो उसे योग साधना करना पड़ेगी। यानी कि आत्मा का साक्षात्कार होना। मनुष्य के पास भी कई शक्तियां विद्यमान रहती है। लेकिन हम समय के अनुसार उन्हें पहचान नही पाते हैं।जब तक किसी परेशानी का मनुष्य को सामना नही होता है।तब तक वह किसी भी खोज को नही निकलता है।जब मनुष्य यह महसूस करने लगता है कि उसे स्थाई समाधान चाहिए।तब वह अनेक तरह की ।वैज्ञानिक गतिविधियां करने लगता है। मनुष्य जिस दिन स्वयं को पहचान लेगा उस शिव से साक्षात्कार हो जायेगा।