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5 Aug 2024 · 1 min read

शिव

आदि अनादि अनंत अखंडा,
सौम्य रूप कभी लगे प्रचंडा ।
अद्भुत औघड़ अविनाशी शिव,
महाकाल हैं कैलाशी शिव ।।

महादेव मुक्तेश्वर योगी ,
भस्म युक्त नागेश्वर योगी।
विषमय कंठ सर्प है साजे,
शीश चंद्र लट गंग विराजे ।

शम्भू शंकर शिव सर्वेश्वर,
पशुपति नाथ प्रणव परमेश्वर।
शांत श्रेष्ठ पुष्कर प्रियदर्शी,
पालनहार विश्व समदर्शी।।

नीलकंठ नटराज त्रिलोचन,
आशुतोष भैरव वृषवाहन ।
दीन दयाल दिगंबर ध्यानी,
गिरिजापति सोमेश्वर ज्ञानी।।

वन्दना नामदेव
वन्दनीयम्

Language: Hindi
54 Views
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