शिव स्तुति
श्री शिव स्तुति
०००००००००००
जय शिव , जय भोले भंडारी ।
०
गिरिजापति कैलाशपती तुम , पूर्ण ब्रह्म त्रिपुरारी ,
दीन दयाला दीनबन्धु हो,दीनन के हितकारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
०
कार्तिकेय गणपति के पितु तुम, बाबा भसमीधारी ,
गंगा करत किलोल जटा में, बाजत सिंगी प्यारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
०
आशुतोष औढरदानी तुम , छवि अति है सुखकारी ,
भाल त्रिपुण्ड चन्द्रमा सोहै, गल लिपटौ विषधारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
०
माथे नेत्र तीसरौ सोहै, कानन कुण्डलधारी ,
तन भूषन रुद्राक्ष सुहाने, सूरत पै बलिहारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
०
व्याघ्रासन पै ध्यानावस्थित, ध्यावैं सब नरनारी ,
दमकै कर तिरशूल तिहारौ, बाबा डमरूधारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
०
भगतन की नैया भव तारौ , आवैं शरण तिहारी ,
‘ज्योति’ करै कर जोर वंदना, रखियो लाज हमारी ,
जय शिव जय भोले भंडारी ।
***
???
-महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***