शिव स्तुति
दोहा:-
भोले बाबा है नमन,करो विनय स्वीकार।
बरसाकर प्रभु सत कृपा,करिए जग उद्धार।।
भक्ति भाव उर में जगे,उमड़े उर में प्यार।
सत्य कर्म करता रहूं,रख शीतल व्यवहार।।
चौपाई:-
शिव महिमा की रात सुहानी।
पूजन प्रभु का करते ज्ञानी।।
शिव गौरा को पुष्प चढ़ाते।
श्रद्धा से सब शीश झुकाते।।
शिव गौरा की जोड़ी प्यारी।
हरती जग की पीड़ा सारी।।
शिव गौरा की अनुपम गाथा।
सुनो सुनाओ टेको माथा।।
भोले बाबा औघड़ दानी।
सकल सृष्टि के तुम हो ज्ञानी।।
भाँग धतूरा तुमको भाता।
श्वेत रंग है अति हर्षाता।।
कर त्रिशूल तुम पावन रखते।
भक्त कर्म को सतमन लखते।।
अहम भाव के तुम हो हरता।
अहमी प्राणी तुम से डरता।।
सत्य भक्ति को तुम पहचानो।
अतिशय प्रेमी उसको मानो।।
कष्ट सभी उसके हर लेते।
शुभता भंडारे भर देते।।
धन यश वैभव प्राणी पाता।
ओम नाम को मधुमय गाता।।
भक्त ओम पर कृपा दिखाओ।
उचित पंथ प्रभुवर दर्शाओ।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम