शिव स्तवन
●ऊँ नमः शिवाय●
जग कारक तारक रुद्र देव
कर्ता संहर्ता सर्व देव
शिव शम्भो शंकर आदि देव
हर हर हर हर हर महादेव
माथे पर चन्द्र कला सोहे
सिर गंग तरंग जटा मोहे
फुफकार गले में माल व्याल
मदमस्त प्रकृति सब प्रकट ताल
कैलाश हास उत्तुंग शिखर
दम दम दमके शिव रूप प्रखर
डम डम डम डम डमरू बाजे
त्रिपुरारी पग ताण्डव साजे
तन चिता भस्म प्रत्यंग अंग
वसुधा कण कण छाया उमंग
पग थिरक उठे देवाधि देव
हर हर हर हर हर महादेव
पग थिरकन निर्मित सकल कला
रव पूरित जग संगीत चला
रवि कोटि सरिस प्रज्ज्वल कपाल
अच्युत अखण्ड प्रभु महाकाल
सुर रिद्धि सिद्धि नभ सुमन वृष्टि
नाचे असीम सँग सकल सृष्टि
डगमग डगमग डोले त्रिलोक
निरखे अनूप छवि लोक लोक
भुजदण्ड गहे कर तीन शूल
दामिनि दमके चमके त्रिशूल
छवि पोषक रोषक विश्व देव
हर हर हर हर हर महादेव
शिव जटा छटा घनघोर घटा
पद रव निनाद जग व्योम फटा
चम चम चमके चपला त्रिशूल
डोले धरती अम्बर समूल
दस दिशा रूप निरखे अनूप
नर्तन जग कारण विश्व रूप
ज्वल ज्वल ज्वल ज्वल ज्वल ज्वल ललाट
अस्तित्व विश्व छाया विराट
बाघम्बर ज्योति छटा न्यारी
गम गम गमके भभूति प्यारी
ताण्डव प्रचण्ड भूताधिदेव
हर हर हर हर हर महादेव
— Kuber Mishra