शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
शिव अविनाशी।
शिव ही पालक,
शिव संहारक।
शिव ओंकार,
शिव प्रणवकार।
शिव गण पिशाच,
शिव बने किरात।
शिव दया रूप,
शिव क्रोध स्वरूप।
शिव शांत ह्रदय,
शिव ही तांडव ,प्रलय।
– शाम्भवी शिवओम मिश्रा
शिव विनाशक,
शिव अविनाशी।
शिव ही पालक,
शिव संहारक।
शिव ओंकार,
शिव प्रणवकार।
शिव गण पिशाच,
शिव बने किरात।
शिव दया रूप,
शिव क्रोध स्वरूप।
शिव शांत ह्रदय,
शिव ही तांडव ,प्रलय।
– शाम्भवी शिवओम मिश्रा