शिव भोले का डमरू बाजे,डम डम डम डम डम
शिव भोले का डमरू बाजे,डम डम डम डम डम
जैसे पग में घुँघरू बाजे,छम छम छम छम छम
वैसे तो हैं सीधे साधे , ये भोले भंडारी
नेत्र तीसरा खुल जाता जब,गुस्सा आता भारी
करते तांडव घूम घूम कर,धम धम धम धम धम
शिव भोले का डमरू बाजे,डम डम डम डम डम
सर पर चन्द्र ,जटा में गंगा,आसन है मृगशाला
कर में त्रिशूल गरल कंठ में,गल सर्पों की माला
भक्त सभी मिल गाते लहरी,बम बम बम बम बम
शिव भोले का डमरू बाजे, डम डम डम डम डम
गौरा के सँग ब्याह रचाने,शिव उनके घर आये
भूत बराती और शिवा को,देख सभी घबराये
निकल गया माँ का तो जैसे,दम दम दम दम दम
शिव भोले का डमरू बाजे,डम डम डम डम डम
गौराजी का सफल हुआ तप, शंकर जी को पाया
दिन शिवरात्रि का अब पावन,है जीवन में आया
चमक रही माथे की बिंदिया,चम चम चम चम चम
शिव भोले का डमरू बाजे,डम डम डम डम डम
डॉ अर्चना गुप्ता