शिव भक्ति गीत
बोल बम बोल बम बोल रे…
नश्वर जगत है शाश्वत है ॐ
भक्ति के रंग में डूबे हैं रोम।
शिव की तपस्या में भभूति लगाके
आया रे सावन झूमें हैं लोग।
काँवरिया चले हैं मगन हो उठाके
पावन जल की गगरिया हो, बम बोल।
शिव को जलार्पण यात्रा मनोहर,
निकले काँवरिया बम बम बोल।
शिव की दया की आशा घनघोर।
नश्वर जगत है शाश्वत है ॐ
भक्ति के रंग में डूबे हैं रोम।
बम-बम भोले, बम-बम भोले, बोलो रे जोर!!
भक्तों को कर दो निहाल ओ भोले
दो भक्तों को भक्ति का दान ओ भोले
आये जो तेरे दर्शन को प्यासे -2
कर दे तू उनको निहाल ओ भोले।।
भर दो खुशियों का उनके भंडार ओ भोले।।
बम-बम भोले, बम-बम भोले, बोलो रे जोर!!
नश्वर जगत है शाश्वत है ॐ
भक्ति के रस में डूबे हैं रोम।
बोल बम ! बोल बम ! बोल रे !