शिव बाबा चले आओ कैसा ये नज़ारा है
गीत
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शिव बाबा चले आओ कैसा ये नज़ारा है
अब तुमरे सिवा कोई दूजा न हमारा है
देखो डोल रही दुनिया हर ओर तबाही है
कोई समझ नहीं पाया कैसी विपदा आयी है
आभास हुआ दिल को तुमरा ही इशारा है
शिव बाबा चले आओ कैसा ये नज़ारा है
तुमरे हाथों सौंपी, इस नईया की पतवार
अब आन बचा लो तुम , करदोना भव से पार
आ शरण तेरी बाबा, हम सबने पुकारा है
शिव बाबा चले आओ कैसा ये नज़ारा है
हर पल हर दिन तुमने , मेरा साथ निभाया है
हर संकट में तुमको मैंने निकट ही पाया है
जब पास न था कोई तुमने ही सँवारा है
शिव बाबा चले आओ कैसा ये नज़ारा है
अब आस तुम्हीं से है, और तुम्हीं हो करतार
हम बालक सब नादाँ, तुम ‘माही’ पालनहार
तुम परमपिता जग के , ये जगत तुम्हरा है
शिव बाबा चले आओ, कैसा ये नज़ारा है
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’ (गुरुग्राम) हरियाणा